क्यों ज़रूरी हैं हेल्थ सप्लीमेंट्स ?। Why Do We Need Health Supplements?

हमारे शरीर को कार्बोहाइड्रेट और फैट जो की रोजाना के खाने जैसे राइस, राजमा, मसूर की दाल, आलू, केला, रोटी, तेल और घी आदि से तो आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन विटमिन, मिनरल और प्रोटीन की जरूरतें कई बार रोजाना के खाने से पूरी नहीं हो पातीं। इस लिए आज के युग में हर व्यक्ति को फ़ूड सप्लीमेंट (Food Supplement) या हेल्थ सप्लीमेंट (Health Supplement) की जरूरत है।


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    क्यों ज़रूरी हैं हेल्थ सप्लीमेंट्स?। Why Do We Need Health Supplements? 

    हम इस लेख में बात करने वाले है (हेल्थ सप्लीमेंट, फुड सप्लीमेंट या डायट्री सप्लीमेंट) की,  कि "क्योॅ जरूरी है हेल्थ सप्लीमेंटस? (Why Do We Need Health Supplements?)"। हम सब जानते है हमारे शारीरिक व मानसिक विकास के लिए पोषक तत्व बहुत ज़रूरी है, पर क्या हम जो कुछ भी  आज कल खा रहे है किया उससे हमें हमारे रोज़ का ज़रूरी पोषण तत्व मिल रहा है, बिल्कुल नही। पोषक तत्वो की कमी के कारण लोग आज कल इतना बीमार रह रहे है। लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है और लोग आसानी से बीमारियों की चपेट में आ रहे है। आख़िर इसका क्या कारण है? आइये जानते है। 

    रासायनिक उर्वरक का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल। Excessive Use Of Chemical Fertilizers.

    रासायनिक उर्वरक का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल:(Excessive Use Of Chemical Fertilizers)

    पहले खेती की जमींन जनसँख्या के तुलना में ज्यादा थी, ऐसे में लोग नेचुरल तरीके से ऑर्गेनिक खेती करते थे, उर्वरक (Fertilizer) के जगह गोबर का खाद (Manure) इस्तेमाल करते थे, जिससे सब्जी, फल और आनाज पोषक तत्वो से परिपूर्ण होता था, लोग शुद्ध भोजन करते थे, लम्बी जिंदगी जीते थे और बीमार बहुत कम पड़ते थे। आज की परिस्थि बिलकुल अलग है, जनसँख्या के हिसाब से खेती के लायक जमींन में बढ़ोत्तरी नहीं हुई बल्कि कम हो गई, खेती की जमींन तो कम हो गई लेकिन पैदावार ज्यादा चाहिए इसके लिए लोगो ने केमिकल से युक्त उर्वरक (Fertilizer) जैसे युरिआ, डाई, पोटाश का इस्तेमाल करने लगे जिससे पैदावार तो बढ़ गया लेकिन उसमे पोषक तत्वों की कमी  हो गई

    कीटनाशक का इस्तेमाल। Use Of Pesticide.

    कीटनाशक का इस्तेमाल (Use Of Pesticide)

    पहले कीड़ो से फसलों को बचाने के लिए नेचुरल तरीके का इस्तेमाल किया जाता था, जैसे नीम का खली को गाय के गोबर में मिला कर खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन आज कल फसल को कीड़ो से बचाने के लिए किट नाशक (Pesticide, Insecticide) का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा करने लगे है , जिससे से पैदावार तो बढ़ गई लेकिन जो सब्जी, फल या आनाज जो पैदा हुआ उसमे वो पोषक तत्व नहीं रहा जो उसमे होना चाहिए वल्कि वो पेस्टिसाइड का असर से भी अछूता नहीं रहा।

    बेमौसमी सब्जी या फल की उपज। Off Season Vegetable Or Fruit Yield.

    बेमौसमी सब्जी या फल की उपज:(Off Season Vegetable Or Fruit Yield)

    आज कल हर सीज़न में हर तरह का सब्जी और फल उपलब्ध है, जैसे मूली सर्दी में पैदा होने वाली सब्जी है लेकिन ये आपको गर्मी में भी मिल जाएगी, पालक सर्दी में होने वाला सब्जी है लेकिन ये आपको हमेशा मिलेगा और हम लोग भी बड़े चाव से घर पर लाते है और इस्तेमाल करते है। निम्बू सर्दी में होने वाला फल है लेकिन हम लोग गर्मी में यूज़ करना ज्यादा पसंद करते है। आप खुद सोच सकते है किया जो कुछ भी पोषक तत्व उसमे होना चाहिए वो होगा, विल्कुल नहीं। 

    समय से पहले फसल तैयार करना। Early Harvest.

    समय से पहले फसल तैयार करना:(Early Harvest)


    आज कल किसान चाहता है ज्यादा से ज्यादा फसल उगाना और ज्यादा से ज्यादा लाभ कामना, इसके लिए वो सब्जी या फल को पकने से पहले ही काट या तोड़ लेता है, सब नहीं वल्कि कुछ किसान लाभ कमाने के लिए छोटे छोटे सब्जी या फल को जल्दी से बड़ा करने के लिए इंजेक्शन या केमिकल से युक्त दवा का इस्तेमाल करते है जिससे सब्जी या फल जल्दी बड़ा हो जाता है। अब आप खुद समझ सकते है, किया इस तरह के सब्जी या फल में वो पोषक तत्व मौजूद होगा, विल्कुल नहीं होगा वल्कि आप उसे यूज़ करेंगे तो बीमार जरूर पड़ेंगे। अगर दवा नहीं भी यूज़ करते है और पकने या तैयार होने से पहले तोड़ लेते है तो भी उसमे पोषक तत्व 80% ही रह जाते हैं। बाजार से घर आते आते उसमे पोेषक तत्वों की मात्रा में और कमी हो जाती है जो लगभग 50% तक ही रह जाता है। जैसे पालक को खेत से काटने बाद 6 घंटे के अंदर यूज़ कर लेना चाहिए क्यों की पालक को काट कर रखने के 6 घंटे के बाद उनके पोषक तत्व में कमी होने लगता है। लेकिन क्या ये पॉसिबल है की हम 6 घंटे के अंदर पालक को यूज़ कर ले, बिलकुल नहीं है क्यों की किसान पालक को काट कर अपने घर ले जाता फिर वहाँ से बाजार में ले जाता है, फिर हम बाजार जाते है और पालक लाते है इसमें 6 घंटे से ज्यादा समय लगता है, अब आप समझ सकते है आपने या हमने जो पालक या और भी इस तरह की सब्जियों इस्तेमाल करते है तो क्या उससे जो पोषक तत्व मिलना चाहिए मिल पाता है, बिलकुल नहीं मिलता है। इस लिए आज कल हर व्यक्ति को फ़ूड सप्लीमेंट लेने की आवश्यकता है।

    खान पान के आदत में गड़बड़ी। Disturbances In Eating Habits.

    खान पान के आदत में गड़बड़ी:(Disturbances In Eating Habits)

    आज कल हम लोगों का खान पान विल्कुल बिगड़ चूका है। खाना खाने का टाइम टेबल विल्कुल सही नहीं है। खाना खाने का भी एक निश्चित समय होना चाहिए, लेकिंन आज कल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में ये संभव ही नहीं है। दूसरी जो भी हम लोग खाना खा रहे है उससे जो हमारे शरीर को पोषक तत्व चाहिए वो नही मिल रहा है कियों की उसमें पोषक तत्व की 50% तक कम हो गया है। उदाहरण के लिए विटामिन सी की रोज़ाना की ज़रूरत को पूरा करने के लिए हमें 20 संतरे खाने पड़ेंगे, जो किसी के लिए भी मुमकिन नहीं है ऐसे में विटामिन सी की कमी से जुड़ी बीमारियां होने लगती है।

    अब ये हेल्थ सप्लीमेंट क्या है?। Now What Is This Health Supplement?

    विटामिन्स, मिनरल और प्रोटीन की कमी को पूरा करने वाली दवाइयां जो की कैप्सूल, इंजेक्शन या पाउडर फॉर्म में उपलब्ध होती है जिसे फ़ूड सप्लीमेंट (Food Supplement) या हेल्थ सप्लीमेंट (Health Supplement) के रूप में जाना जाता है।

    क्यों ज़रूरी हैं हेल्थ सप्लीमेंट्स?। Why Do We Need Health Supplements? 

    हमारे शरीर को कार्बोहाइड्रेट और फैट जो की रोजाना के खाने जैसे राइस, राजमा, मसूर की दाल, रोटी और आलू केला, तेल और घी आदि से तो आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन विटमिन, मिनरल और प्रोटीन की जरूरतें कई बार रोजाना के खाने से पूरी नहीं हो पातीं। इस लिए आज के युग में हर व्यक्ति को फ़ूड सप्लीमेंट (Food Supplement) या हेल्थ सप्लीमेंट (Health Supplement) की जरूरत है। 

    आवश्यक विटामिन व मिनरल्स 

    विटामिन-सी 

    विटामिन सी, जिसे एस्कॉर्बिक एसिड के रूप में भी जाना जाता है, कुछ खाद्य पदार्थों में पाया जाने वाला पानी में घुलनशील पोषक तत्व है। शरीर में, यह एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता है, जो Free Radicals से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है, घावों को भरने में मदद करता है, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होता है। ये हड्डियों, त्‍वचा और रक्‍त वाहिकाओं के गठन और उन्‍हें स्‍वस्‍थ बनाए रखने में मदद करता है।

    प्राकृतिक स्रोतसंतरा, अनन्नास, जामुन, चेरी, तरबूज़, स्ट्रॉबेरी, अमरूद, कीवी, ब्रोकोली, मोसंबी, नींबू, मूली, पालक, टमाटर, आलू, प्याज़, पत्तागोभी आदि विटामिन सी के गुणों से भरपूर फल व सब्जियां हैं

    विटामिन डी

    यह हमें ऑस्टियोपोरोसिस, कैंसर, इंफेक्शन्स, अल्ज़ाइमर, ऑटोइम्यून डिजीज से बचाने के साथ-साथ ब्लड शुगरब्लड प्रेशर को रेग्युलेट करने में मदद करता है। शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है। हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए इन पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इस तरह से ये हमें सेहतमंद रखने में अहम् भूमिका निभाता है। 

    प्राकृतिक स्रोतसूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे बढ़िया स्रोत है. इसके अलावा दूध, अंडे, मछली, लिवर, मशरूम आदि में भी विटामिन डी पाया जाता है। 

    विटामिन ई

    एंटीऑक्सीडेंट युक्त यह विटामिन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाने में मदद करता है, त्वचा व बालों को पोषण देने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल को कम करके हार्ट प्रॉब्लम्सकैंसर से बचाता है। विटामिन ई त्वचा और आंखों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। 

    प्राकृतिक स्रोतबादाम, सूरजमुखी के बीज, पालक, आम, टमाटर, पपीता,  एप्रिकॉट, कीवी, शकरकंद, ब्रोकोली, कद्दू, दूध, अंडे आदि विटामिन ई के गुणों से भरपूर फल व सब्जियां हैं। 

    विटामिन बी१२

    विटामिन बी 12 आपके शरीर के रेड ब्लड सेल्स (Red Blood Cells ) और नर्व सेल्स (Nerve Cells) को स्वस्थ रखने में मदद करता है और डीएनए बनाने में मदद करता है। यह मस्तिष्क (Brain) और तंत्रिका तंत्र (Nervous System) का पोषण करता है। यह प्रोटीन्स, फैट और कार्बोहाइड्रेट्स को इस्तेमाल करने में मदद करता है।

    प्राकृतिक स्रोतदूध व दूध से बनी चीज़ें, मीट, अंडे, शेलफिश आदि में विटामिन बी 12 पाया जाता है। 

    आयरन

    आयरन एक ज़रूरी मिनरल है जिसकी शरीर को वृद्धि और विकास के लिए आवश्यकता होती है। आयरन शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्यों को बनाए रखने में मदद करता है, शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने के लिए आयरन की आवश्यकता होती है। यह पूरे शरीर में ऑक्सीजन को पहुंचाने का काम करता है। यह ब्रेन और मसल फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करता है। 

    प्राकृतिक स्रोत- मांस, मछली, बीन्स, पालक और अनाज शामिल हैं।

    कैल्शियम

    कैल्शियम एक मिनरल है जो हड्डियों के निर्माण और दांतों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह हार्ट, मसल्स, नर्वस सिस्टम आदि को बेहतर करने में सहयोग देता है। 

    प्राकृतिक स्रोतदूध, दही, चीज़, हरी सब्ज़ियां, सोया, सी फूड आदि। 

    प्रोटीन

    प्रोटीन एक साथ जुड़े कई अलग-अलग अमीनो एसिड से बने होते हैं। हमारे शरीर हजारों विभिन्न प्रोटीनों से बने होते हैं। हमारे शरीर में इन प्रोटीनों की फिर से नया बनाने की और बदलाव की प्रक्रिया लगातार जीवन भर चलती रहती है इसलिए शरीर को ठीक से काम करने के लिए प्रोटीन की लगातार जरूरत होती है। यूरोपीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण [European Food Safety Authority (EFSA)] की कहना है कि एक वयस्क व्यक्ति को प्रति दिन कम से कम 0.83 ग्राम प्रोटीन प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के बराबर उपयोग करना चाहिए (उदाहरण के लिए - 70 किलोग्राम के एक वयस्क व्यक्ति को 58 ग्राम / दिन प्रोटीन का उपयोग करना चाहिए)।

    मिलावटी सप्लीमेंट्स से सावधान

    आज कल मार्किट में  हेल्थ सप्लीमेंट्स और डायटरी सप्लीमेंट्स की भरमार है, लेकिन हर किसी पर विश्वास करना ठीक नहीं है, क्योंकि जिन विटामिन्स और मिनरल्स की ज़रूरत हमें रोज़ाना जरूरत पड़ती है बाजार में इनके फ़ूड सप्लीमेंट्स सबसे ज़्यादा बिकते है, ऐसे में ज्यादातर मैन्यूफैक्चरर्स ज्यादा लाभ कमाने के लिए अपने सस्ते व निम्न गुणवत्ता वाले विटामिन्स व् सप्लीमेंट जिसे अच्छे विज्ञापन के साथ मार्किट में लाते है और लोक लुभावन ऑफर भी देते है। आज बाजार में उपलब्ध अधिकांश सप्लीमेंट्स कृत्रिम (Artificial) रूप से बनाए जाते हैं। इनमें विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट, मिनरल और अमीनो एसिड शामिल हैं। यहाँ पर मिलावट का भी बहुत बड़ा बाज़ार है। इस लिए कोई भी सप्लीमेंट्स लेने से पहले उसकी गुणवत्ता के बारे में जानकारी जरूर कर ले। 

    क्वालिटी सप्लीमेंट्स कैसे चुनें?

    हेल्थ सप्लीमेंट्स चुनते समय धयान रखे की आप जो सप्लीमेंट चुन रहे है वो आर्गेनिक हो न की सिंथेटिक । महज़ किसी विज्ञापन में देखकर कभी किसी हेल्थ सप्लीमेंट का चुनाव न करें। मार्केट में रोज़-रोज़ नए सप्लीमेंट ब्रांड्स आ रहे हैं, ऐसे में सालों से जांचे-परखे मैन्यूफैक्चरर्स पर ही विश्वास करें। सस्ते के चक्कर में कोई भी सप्लीमेंट ट्राई न करें, वरना ये आपको महंगा पड़ सकता है.ख़ासतौर पर बुज़ुर्गों, बीमार व्यक्तियों और गर्भवती महिलाओं को हेल्थ सप्लीमेंट्स की ज़रूरत होती है, जो उनके डॉक्टर ज़रूरत के मुताबिक़ लेने की सलाह देते हैं। 

    सिंथेटिक सप्लीमेंट्स -

    यह एक प्रयोगशाला या औद्योगिक प्रक्रिया (Industrial Process) में कृत्रिम (artificially ) रूप से बनाए गए सप्लीमेंट्स होता हैं। सिंथेटिक विटामिन की शरीर में अवशोषण क्षमता आर्गेनिक की तुलना में  कम होती  हैं।

    आर्गेनिक सप्लीमेंट्स -

    आर्गेनिक सप्लीमेंट्स लेना बेहतर है क्योंकि वे भोजन से आते हैं। आर्गेनिक विटामिन वास्तविक भोजन से प्राप्त होते हैं और कभी-कभी इन्हें प्राकृतिक भी कहा जाता है। आर्गेनिक खाद्य उत्पादों और सप्लीमेंट्स में उच्च अवशोषण क्षमता होती है।

    Conclusion

    अगर आप इस लेख को धयान से पढ़े है तो आप को समझ में आ गया होगा कि "क्यों ज़रूरी हैं हेल्थ सप्लीमेंट्स?"। जैसे की आप जानते है कि हमारे शरीर को कार्बोहाइड्रेट और फैट जो की रोजाना के खाने जैसे राइस, राजमा, मसूर की दाल, रोटी और आलू केला, तेल और घी आदि से तो आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन विटमिन, मिनरल और प्रोटीन की जरूरतें कई बार रोजाना के खाने से पूरी नहीं हो पातीं। इस लिए आज के युग में हर व्यक्ति को फ़ूड सप्लीमेंट (Food Supplement) या हेल्थ सप्लीमेंट (Health Supplement) की जरूरत है। 


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