Ashwagandha Ke Fayde। अश्वगंधा के फायदे

आपने कही न कही लोगो से अश्वगंधा (Withania Somnifera) के बारे में सुने होंगे या (TV) पर ऐड देखे होंगे या अखबार में ऐड देखे होंगे। अक्सर आपके मन में ये सवाल आता होगा की अश्वगंधा क्या है और इसका उपयोग क्या है। दरअसल अश्वगंधा एक औषधीय जड़ी बूटी है, इसका उपयोग अनिद्रा, चिंता, डिप्रेशन, यौन समस्याएं, कमजोरी और अर्थराइटिस जैसी कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। इस जड़ी-बूटी में जरूरी पोषक तत्वों के साथ ही कई औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं। यही कारण है कि आयुर्वेद में अश्वगंधा को कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए सप्लीमेंट के तौर पर लेने की सलाह दी जाती है। इसका उपयोग दुनियाभर में सदियों से अनेक प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक और यूनानी उपचार में प्रयोग किया जाता रहा है।

Ashwagandha Ke Fayde

अश्वगंधा क्या है?। What Is Ashwagandha?

अश्वगंधा का वैज्ञानिक नाम विथानिया सोम्निफेरा (Withania Somnifera) है, अश्वगंधा को आमतौर पर भारतीय जिनसेंग (Ginseng) या "विंटर चेरी" (Winter Cherry) के नाम से भी जाना जाता है। अश्वगंधा सोलानेसी (Solanaceae) या नाइटशेड (Nightshade) फ़ैमिली का एक सदाबहार हर्बल झाड़ी (Shrub) है जो स्पेन, मोरक्को, जोर्डन, मिश्र, अफ्रीका, पाकिस्तान, भारत तथा श्रीलंका, में प्राकृतिक रूप में पाये जाते है। इसका पौधा 35-75 सेमी लंबा होता है। भारत में इसकी खेती 1500 मीटर की ऊँचाई तक के सभी क्षेत्रों में की जा रही है। भारत के पश्चिमोत्तर भाग राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश एंव हिमाचल प्रदेश आदि प्रदेशों में अश्वगंधा की खेती की जा रही है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में अश्वगंधा की खेती बड़े स्तर पर की जा रही है। अश्वगंधा की विश्व में 10 तथा भारत में 2 प्रजातियाँ पायी जाती हैं। इसकी जड़ें और पत्तियों का इस्‍तेमाल इनके औषधीय गुणों के कारण सदियों से किया जाता रहा है लेकिन इसके फूल और बीज भी उपयोगी होते हैं। 

Ashwagandha Ke Fayde।अश्वगंधा के फायदे

1. तनाव और चिंता से राहत दिलाता है अश्वगंधा। Relieves Stress and Anxiety.

कई अध्ययनों से पता चला है कि अश्वगंधा की खुराक तनाव और चिंता को दूर करने में मदद कर सकती है। 58 प्रतिभागियों के साथ एक छोटे से अध्ययन में, जिन लोगों ने 8 सप्ताह के लिए 250 या 600 मिलीग्राम अश्वगंधा का सेवन किया था, उनमें प्लेसीबो (Placebo) लेने वालों की तुलना में तनाव काफी कम महसूस किया तथा तनाव हार्मोन कोर्टिसोल (Cortisol) के स्तर में काफी कमी आई थी। और तो और, अश्वगंधा की खुराक लेने वाले प्रतिभागियों ने प्लेसीबो समूह की तुलना में नींद की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार का अनुभव किया। इस प्रकार, प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि अश्वगंधा तनाव और चिंता के लिए एक सहायक पूरक हो सकता है।

प्लेसिबो इलाज का एक ऐसा तरीका है जो दिखने में तो वास्तविक लगता है लेकिन ऐसा नहीं होता है। दवा, वैक्सीन या किसी अन्य तरीके से किए गए फेक ट्रीटमेंट को प्लेसिबो कहते है।

2. ब्लड शुगर को कम करता है अश्वगंधा। Lowers Blood Sugar.

कुछ क्लीनिकल ​​अध्ययनों में अश्वगंधा को रक्त से ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मददगार पाया गया है। ऐसा माना जाता है कि अश्वगंधा में विथफेरिन ए (Withaferin A) नामक यौगिक (Compounds) पाया जाता है जिसमे एक शक्तिशाली एंटीडाइबेटिक (Antidiabetic) और एंटी-ओबेसिटी (Anti-Obesity) गुण होते हैं जो रक्त से ग्लूकोज का स्तर कम करने के लिए कोशिकाओं (Cells) को उत्तेजित करने में मदद करता है। अश्वगंधा की जड़ों और पत्तियों में फ्लेवोनोइड्स (Flavonoids) नमक यौगिक पाया जाता है जो एक फ़ाइटोन्यूट्रिएंट (पौधों में पाए जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट है), जिसका इस्तेमाल करने से टाइप 2 डायबिटीज होने के खतरे को कम किया जा सकता है।

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3. वजन कम करने के लिए अश्वगंधा। Ashwagandha For Weight Loss.

अश्वगंधा का उपयोग पेट और कमर की बढ़ी चर्बी को कम करने में किया जा सकता है। अश्वगंधा हमारे पाचन तंत्र को मजबूत करती है, जिससे शरीर में खाना अच्‍छी तरह से हजम होता है और मेटाबोलिज्म बढ़ता है। स्ट्रेस या कोर्टिसोल (Cortisol) हार्मोन बढ़ने से मोटापा बहुत तेजी से बढ़ता है। नियमित रूप से अश्वगंधा चूर्ण का इस्तेमाल करने से कोर्टिसोल (Cortisol) हार्मोन को कम करने में मदद मिलती है। यदि आप स्वाभाविक रूप से वजन घटाना चाहते है तो आप अश्वगंधा का प्रयोग कर सकते है। यदि आप घंटो एक्सरसाइज करते है और आपका मोटापा कम नहीं हो पा रहा है तो आप अश्वगंधा का इस्तेमाल कर सकते है। अगर आप रोजाना एक गिलास गुनगुने दूध में एक चम्मच अश्वगंधा पावडर और शहद मिलाकर लेते है तो आपका मेटाबोलिज्म और पाचन बेहतर होता है। इससे आप का फैट बर्न करने में मदद मिलता है। 

4. हृदय रोग से बचाव के लिए अश्वगंधा। Ashwagandha For Prevention Of Heart Disease

अश्वगंधा में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स (Flavonoids) हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को कम करने में मदद करता है। जरनल ऑफ ट्रांसलेशनल मेडिसिन में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, जो लोग अपने डायट में फ्लेवोनोइड्स (Flavonoid) से भरपूर चीजों को शामिल करते हैं, उनमें हृदय रोग होने का खतरा काफी कम हो जाता है। आप हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से भी बचे रहते हैं। अश्वगंधा के इस्तेमाल आपके शरीर में कोर्टिसोल (Cortisol) के स्तर को कम करता है, तनाव को कम करता है और इसके लक्षण जैसे उच्च रक्तचाप (हाई बी पी) और हृदय गति को कम करता है

5. कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करता है अश्वगंधा।Ashwagandha Controls Cholesterol Level

एक शोध से पता चलता है कि अश्वगंधा एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (LDL Cholesterol) (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करने में मदद कर सकता है। जानवरों पर किये गए एक अध्ययन से यह भी पता चला है कि अश्वगंधा ट्राइग्लिसराइड (Triglycerides) के स्तर (एक प्रकार का कोलेस्ट्रॉल) को कम करने में और एचडीएल (HDL Cholesterol) (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) की मात्रा को बढ़ाने में मदद कर सकता है। वर्ल्ड जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस के रिसर्च में भी इस बात का उल्लेख किया गया है कि अश्वगंधा में हाइपोलिपिडेमिक (Hypolipidemia) प्रभाव होता है, जो कोलेस्ट्रॉल कम कर सकता है। 

6. मांसपेशियोंं को मजबूत बनाये अश्वगंधा।Ashwagandha Strengthens Muscles.

अश्वगंधा में ऐसे कई तत्व पाये जाते हैं जो मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। मसल्स मास बढ़ने से शरीर पर चर्बी नहीं जमती और वजन नियंत्रित रहता है। इसके इस्तेमाल से मांसपेशियां तो मजबूत होती ही है, साथ में दिमाग और मांसपेशियों के बीच बेहतर तालमेल बनाने में भी मदद करता है। यही कारण है कि जिम जाने वाले और अखाड़े में प्रेक्टिस करने वाले पहलवान भी अश्वगंधा के सप्लीमेंट्स लेते हैं। हालांकि इस संबंध में अभी और भी वैज्ञानिक अनुसंधान करने के बात बताई गई है।

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7. वर्कआउट के लिये एनर्जी लेवल बढ़ाये अश्वगंधा।Increase Energy Level For Workout.

अश्वगंधा का उपयोग बीमारी से उबरने के साथ साथ शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि के लिए भी किया जाता रहा है। आधुनिक शोध भी इस बात की पुष्टि करते हैं। 50 स्वस्थ एथलीटों के ऊपर किये गए एक शोध, जिसमे प्रति दिन १२५० मिलीग्राम अश्वगंधा का उपयोग करने को दिया गया। उन एथलीटों के रक्त में ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता, मांसपेशियों की ताकत और लम्बे समय तक व्यायाम जैसे एथलेटिक प्रदर्शन में काफी सुधार देखा गया। ऐसा इस लिए है क्यों की अश्वगंधा एड्रिनल ग्लैंड (Adrenal Gland) और कोर्टिसोल (Cortisol) के स्तर को कम करने में मदद करता है जिससे तंत्रिका तंत्र (Nervous System) मजबूत होता है। इस प्रकार जब आप हैवी वर्कआउट करते हैं तो अश्वगंधा शरीर को एनर्जी से भर देता है। यही नहीं अश्वगंधा में आयरन भी भरपूर मात्रा में होता है जो ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ने में मदद करता है। 

8. पुरुषों में यौन व प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाये अश्वगंधा।Ashwagandha Improves Sexual And Fertility In Men.

अश्वगंधा पुरुषों के लिए एक यौन टॉनिक के रूप में जाना जाता है, वैसे अश्वगंधा का स्त्रियों पर भी समान रूप से लाभकारी प्रभाव पड़ता है। अश्वगंधा अफ्रोडिसियक (Aphrodisiac) यानी कामोत्तेजक औषधि है। अश्वगंधा सेक्स हॉर्मोन टेस्टोस्टेरॉन (Testosterone) के लेवल में बढ़ोतरी करने में और वीर्य की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है।अश्वगंधा शुक्राणुओं की संख्या और शुक्राणु की गतिशीलता में वृद्धि करके वीर्य की गुणवत्ता में सुधार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अश्वगंधा का सेवन करने से शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन बढ़ता है जिससे खून के जरिए जेनिटल्स यानी जननांगों तक यह पहुंच जाता है। इससे सेक्शुअल डिजायर यानी सेक्स ड्राइव यानी कामेच्छा और संतुष्टि में बढ़ोतरी होती है। 

9. गठिया के इलाज के लिए अश्वगंधा। Ashwagandha For Treating Arthritis.

अश्वगंधा सभी तरह के दर्द के लिए बहुत फायदेमंद होता है। दरअसल अश्वगंधा एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) गुणों से भरपूर होते हैं। जो शरीर में सूजन और दर्द को कम करने के लिए जाना जाता हैं। गठिया के दर्द में आराम पाने के लिए आप 3-6 ग्राम अश्वगंधा पाउडर दूध या पानी में मिलाकर ले सकते हैं इसके सेवन से शरीर के सभी जोड़ों, तंत्रिकाओं, लिगामेंट्स और मांसपेशियों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। अश्वगंधा के सेवन से जोड़ों की सूजन व दर्द में भी कमी आती है।

10. कैंसर से बचाव में अश्वगंधा। Ashwagandha In Prevention Of Cancer.

एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध में कहा गया है कि अश्वगंधा में एंटी-ट्यूमर (Anti-Tumor) एजेंट होते हैं, जो ट्यूमर को पनपने से रोक सकते हैं। साथ ही अश्वगंधा बतौर कैंसर के इलाज के रूप में इस्तेमाल होने वाली कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करने में मदद कर सकता है।

ध्यान रखें कि अश्वगंधा को सीधे तौर पर कैंसर को ठीक करने के लिए नहीं, बल्कि कैंसर से बचाव के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है। अगर किसी को कैंसर है, तो उसे डॉक्टर से इलाज जरूर करवाना चाहिए। साथ ही मरीज डॉक्टर की सलाह पर अश्वगंधा का सेवन कर सकता है।

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11. अनिद्रा के लिए अश्वगंधा। Ashwagandha For Insomnia.

यदि आप नींद न आने की समस्या से जूझ रहे तो आप डॉक्टर के सलाह से अश्वगंधा ले सकते है। अश्वगंधा आपको सोने में मदद कर सकता है, और आप नींद की गुणवत्ता का बेहतर अनुभव कर सकते है। एक शोध में  छह सप्ताह तक अश्वगंधा लेने के बाद, एक एक्टिग्राफी-आधारित अध्ययन में भाग लेने वालों ने अपनी नींद को औसतन 72% बेहतर बताया। शोधकर्ताओं के अनुसार अश्वगंधा में ट्राइथिलीन ग्लाइकोल (Triethylene Glycol) नामक यौगिक मौजूद होता है, जो गहरी नींद सोने में मदद कर सकता है। 

​12. इम्यूनिटी के लिए अश्वगंधा। Ashwagandha For Immunity.

विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययनों के मुताबिक, अश्वगंधा चूर्ण के उपयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार हो सकता है। इसमें मौजूद इम्यूनोमॉड्यूलेटर (Immunomodulators) एक पदार्थ है जो प्रतिरक्षा प्रणाली के कामकाज को प्रभावित करता है। इम्यूनोमॉड्यूलेटर (Immunomodulators) का प्रभाव प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्यों को शरीर की जरूरत के हिसाब से बदलाव या नियंत्रण  कर सकता है, जिससे रोगों से लड़ने में मदद मिल सकती है । इसलिए, ऐसा माना जाता है कि अश्वगंधा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

ध्यान रखें:

अश्वगंधा का सेवन करने से पहले इससे जुड़ी सावधानिया। 

  1. अश्वगंधा का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए कियो की अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है।
  2. अश्वगंधा का सेवन लंबे समय तक नहीं करना चाहिए। विशेष जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ से राय ले सकते है।
  3. गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अश्वगंधा नहीं लेना चाहिए। 
  4. लो ब्लड प्रेशर वाले लोग इसका सेवन ना करे। 
  5. अत्यधिक मात्रा में सेवन से पेट गड़बड़ हो सकता है या उल्टियां भी हो सकता हैं।
  6. आंत (Intestine) संबंधी परेशानी वाले व्यक्तियों को इसके सेवन से बचाना चाहिए।

Conclusion

अश्वगंधा एक औषधीय जड़ी बूटी है, इसका उपयोग अनिद्रा, चिंता, डिप्रेशन, यौन समस्याएं, कमजोरी और अर्थराइटिस जैसी कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। इस जड़ी-बूटी में जरूरी पोषक तत्वों के साथ ही कई औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं। यही कारण है कि आयुर्वेद में अश्वगंधा को कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए सप्लीमेंट के तौर पर लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन किसी गंभीर बीमारी की स्थिति में इस पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और डॉक्टर से जांच कराकर इलाज कराना चाहिए। 

FAQ

1. अश्वगंधा खाने से क्या फायदा होता है?

अश्वगंधा तनाव और चिंता से राहत दिलाता है, ब्लड शुगर को कम करता है, वजन कम करने में सहायक है, हृदय रोग से बचाता है, कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करता है, मांसपेशियोंं को मजबूत बनाता है, वर्कआउट के लिये एनर्जी लेवल बढ़ाता है, पुरुषों में यौन व प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाता है, गठिया के इलाज में सहायक है, कैंसर से बचाव में मदद करता है, अनिद्रा से निजात दिलाता है, इम्यूनिटी बढ़ाता है। 

2. अश्वगंधा कौन कौन सी बीमारी में काम आता है?

अश्वगंधा में कई बायोएक्टिव कम्पाउंड (Bioactive Compound) पाए जाते हैं। इसमें एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant), एंटी-इन्फ्लामेट्री (Anti-Inflammatory) और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (Immunomodulatory) के गुण भी होते हैं।अश्वगंधा के अर्क (Extract) और इसके बायोएक्टिव कम्पाउंड (Bioactive Compound) का उपयोग गठिया, नपुंसकता, भूलने की बीमारी, चिंता, कैंसर आदि जैसी कई बीमारियों की रोकथाम और उपचार में किया जाता है।

3. अश्वगंधा खाने से पुरुषों को क्या फायदा होता है?

पुरुषों द्वारा अश्वगंधा लिए जाने से उनके शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड का संश्लेषण तेज होता है। जिससे  जननांगों तक रक्त पहुंचाने वाली रक्त धमनियां फैल जाती हैं। इस प्रकार अश्वगंधा चूर्ण पुरुषों को लाभ पहुंचाता है। कामेच्छा में कमी को अश्वगंधा से दूर किया जा सकता है और स्तंभन दोष के लिए यह एक अच्छा उपचार है।

4. अश्वगंधा किसे नहीं लेना चाहिए

अश्वगंधा को ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं के साथ-साथ जिनका बीपी लो होता है उन्हे अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप कब्ज समेत पेट संबंधी किसी विकार से परेशान हैं, तो अश्वगंधा का सेवन बिल्कुल न करें। 

5. अश्वगंधा लेने का सबसे अच्छा समय कब है?

रात में सोने से पहले दूध के साथ इसका सेवन फायदेमंद रहता है। हल्के गर्म दूध (गुनगुने दूध) के साथ अश्वगंधा चूर्ण को मिला कर ले सकते है। दूध न हो तो हल्के गर्म पानी के साथ भी पी सकते हैं। इसके अलावा अगर आपको कैप्सूल खाना हो तो सुबह नाश्ते के साथ और रात को खाने के बाद भी लिया जा सकता है।



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