Omega 3 Ke Fayde - ओमेगा-3 क्या है और इसके फायदे?

आज कल की भाग दौड़ भरी जिंदिगी में किसी के पास अपनी सेहत पर धयान देने के लिए समय नहीं है। हमारी जीवनशैली (Lifestyle) खराब हो गई है जिसके चलते आज कल हम सब कई तरह की बीमारियों के शिकार होने लगे है। आज के युग में अगर हमे स्वस्थ रहना है तो हमे फ़ूड सप्लीमेंट (Food Supplement) लेने की जरूरत है क्यों की आज कल हम लोग जो खाना खा रहे है उससे हमे जो पोषक तत्व (Nutrients) मिलना चाहिए वो नहीं मिल रहा है। इन पोषक तत्व (Nutrients) में से एक है ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acid) जो हमारे शरीर को कई फायदे पहुँचता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड हमे कई बीमारियों से लड़ने में भी हमारी मदद करता है।

ओमेगा-3 क्या है और इसके फायदे?

वास्तव में, बहुत ही कम लोग है जो ओमेगा 3 क्या है और इसके फायदे के बारे में जानते है। अगर आप भी पहली बार ओमेगा 3 फैटी एसिड बारे में पढ़ रहे है तो निश्चित रूप से यह जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।


Omega 3 Ke Fayde - ओमेगा-3 क्या है और इसके फायदे?

ओमेगा-3 क्या है?।What Is Omega-3?

ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acid) एक प्रकार का पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (Polyunsaturated Fatty Acids) होता है, साधारण शब्दों में कहें तो यह एक प्रकार का फैट (Fat) है, जो शरीर में कई कार्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं। मस्तिष्क की कोशिकाओं के निर्माण और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए हमें इन फैटी एसिड की आवश्यकता होती है। ओमेगा-3 आपके दिल को स्वस्थ रखने और स्ट्रोक से बचाने में मदद करता है। अगर आपको पहले से ही हृदय रोग है, तो यह आपके हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। हमारा शरीर ओमेगा-3 फैटी एसिड अपने आप नहीं बनाता है। हमे ओमेगा-३ अपने भोजन से प्राप्त करने की आवश्यकता है।

एक गाइडलाइन के अनुसार आम तौर पर, महिलाओं के लिए प्रति दिन 2,000 कैलोरी (Calories) और पुरुषों के लिए 2,500 कैलोरी (Calories) की जरूरत होती है। इस गाइडलाइन के अनुसार रोजाना के लिए ज़रूरी कैलोरी (Calories) का 45-65% कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) से, 10-35% प्रोटीन (Protein) से और 20-35% फैट (Fat) से प्राप्त होना चाहिए। जिसमे ओमेगा-3 फैटी एसिड आपकी कुल कैलोरी (Calories) का 5% से 10% तक होना चाहिए।

ओमेगा-3 फैटी एसिड तीन तरह के होते है।

  • इकोसापेन्टैनेनोइक एसिड (ईपीए) - Eicosapentaenoic Acid (EPA)  
  • डोकोसाहेक्साएनोइक एसिड (डीएचए) - Docosahexaenoic Acid (DHA)
  • अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (एएलए) - Alpha-Linolenic Acid ( ALA )

प्रमुख रूप से DHA और EPA की ही हमें आवश्यकता होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि DHA और EPA को हमारा शरीर बिना किसी रूपांतरण या संशोधन के सीधे उन्हें अवशोषित और उपयोग कर सकता है।जबकि ALA को शरीर द्वारा EPA और DHA में परिवर्तित करने की आवश्यकता होती है, हालांकि यह प्रक्रिया अत्यधिक प्रभावी नहीं होता है क्यों कि औसतन, ALA का केवल 1–10% EPA में और 0.5–5% DHA में परिवर्तित हो पाता है।

जब ALA का EPA या DHA में परिवर्तन नहीं हो पाता है, तो यह अन्य वसा (Fats) की तरह ऊर्जा (Energy) के रूप में संचित होता है या उपयोग होता है।

ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी के लक्षण?। Symptoms Of Omega-3 Fatty Acid Deficiency 

शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी के कारण आपको थकान, याददाश्त में कमी, दिल की बीमारी, रूखी त्वचा, मनोदशा में अचानक और अनुत्तरदायी परिवर्तन, तनाव आदि जैसे लक्षण महसूस हो सकता हैं।

शाकाहारी लोगों के लिए शैवाल ओमेगा-3। Algae Omega-3 For Vegetarians

विगत समय में DHA और EPA के मुख्या स्रोत वसायुक्त मछली थी। मछली स्वाभाविक रूप से DHA और EPA के रूप में ओमेगा-3 का उत्पादन नहीं करती है। शोध में पाया गया है कि मछली अपने शैवाल (Algae) युक्त आहार के कारण इन ओमेगा-3 के उच्च स्तर को जमा करने में सक्षम हैं। अभी हाल के सालो में, शैवाल से ओमेगा-3 एक्सट्रेक्ट करने का फार्मूला बनाने में सफलता प्राप्त किया जा चूका है। इस विधि से प्राप्त हुआ ओमेगा-3 न केवल DHA बल्कि EPA से भी परिपूर्ण होता है जो शाकाहारी लोगों के लिए एक बरदान है।


Omega 3 Ke Fayde-ओमेगा-3 के फायदे। Benefits of Omega-3

1. अवसाद और चिंता को दूर करता है। Alleviates Depression And Anxiety

अवसाद एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक व्यक्ति सुस्त, चिड़चिड़ा और दोषी महसूस करता है। ऐसा व्यक्ति को  जीवन में आनंद की कमी महसूस होती है, कभी-कभी मन में आत्मघाती विचार आते हैं। इसके अलावा आजकल हर व्यक्ति चिंता से ग्रसित है। अध्ययनों में ऐसा माना गया है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से ओमेगा-३ प्रयोग करता है  उसको अवसाद और चिंता होने कि संभावना कम होता है।  

2. हृदय रोग के जोखिम को कम करता है। Reduce Risk Of Heart Disease 

आज के दौर में मौत के कारणों में से एक कारण है ह्रदय रोग। एक रिसर्च में शोधकर्ताओ ने पाया है की जो लोग अपने भोजन में मछली का इस्तमाल करते थे उनमे ह्रदय रोग से मरने की दर कम थी। रिसर्च में पाया गया की मछली में ओमेगा-3 फटी एसिड होता है जो दिल का स्वास्थ्य रखने में मदद करता है।

3. उच्च रक्तचाप को कम करता है। Lowers High Blood Pressure 

ओमेगा-3 उच्च रक्तचाप वाले लोगों में रक्तचाप के स्तर को कम करने में मदद करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल HDL को बढाने में मदद करता है। ओमेगा-3 रक्त में बनने वाले थक्के को रोकने में मदद करता है। ओमेगा-3  सूजन को भी कम करने में मदद करता है। 

4. ओमेगा-3 सूजन को कम करने में मदद करता है। Omega-3 Helps To Reduce Inflammation.

जब आपका शरीर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करता है, तो यह इंफ्लेमेटरी कोशिकाओं (Inflammatory Cells) को बाहर भेजता है। ये कोशिकाएं बैक्टीरिया पर हमला करती हैं या क्षतिग्रस्त ऊतकों (Tissue) को ठीक करती हैं। इसलिए यह आपकी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। यदि आप बीमार या घायल नहीं हैं, तो आपका शरीर इंफ्लेमेटरी कोशिकाओं (Inflammatory Cells) को बाहर भेजता है, तो आपको पुरानी सूजन (Chronic Inflammation) हो सकती है। सूजन (Inflammation) कई पुरानी बीमारियों का लक्षण है, जैसे गठिया या अल्जाइमर रोग। ओमेगा-3 फैटी एसिड, ईपीए और डीएचए जैसे हेल्दी तत्वों से भरपूर होता है। ये तत्व पुरानी सूजन (Chronic Inflammation) के कम करने में अलग-अलग तरीके से मदद करते हैं।

5. गर्भावस्था के दौरान बच्चे के मस्तिष्क निर्माण में सहायक। Helps In Brain Formation Of The Baby During Pregnancy

गर्भावस्था के दौरान DHA भ्रूण (Fetus) और शिशुओं (Infants) के मस्तिष्क के विकास और मस्तिष्क के कार्यों के विकास के लिए आवश्यक होता है। इससे शिशु के शरीर और मस्तिष्क का विकास ठीक से होता है।

6. नेत्र स्वास्थ्य में सुधार करता है। Improves Eye Health 

आँख की रेटिना (रेटिना) और तंत्रिका तंत्र (Nervous System) को स्वस्थ रखने के लिए DHA बहुत ही उपयोगी होता है। DHA रेटिना की कोशिका झिल्लियों में बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है; ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन कम होने पर भी रेटिना DHA को संरक्षित और रीसायकल करता है। पशु अध्ययनों से संकेत मिलता है कि DHA रेटिना के सामान्य विकास और कार्य के लिए आवश्यक है। 

7. त्वचा में निखार लाने में मदद करता है। Helps In Skin Glowing 

ओमेगा-३ आपकी त्वचा को मुलायम बनता है। त्वचा को डिहाइड्रेशन से बचता है और त्वचा में नमी बनाये रखने में मदद करता है। ओमेगा-3 आपकी त्वचा को सूरज की पराबैंगनी (यूवी) किरणों (Ultraviolet (UV) Radiation ) से होने वाले नुकसान से भी बचता है।  

8. कैंसर को रोकने में मदद करता है। Helps In Preventing Cancer

कैंसर दुनिया में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग अधिक मात्रा में ओमेगा -3 का सेवन करते हैं, उनमें कोलन कैंसर का जोखिम 55% तक कम होता है। इसके अतिरिक्त, ओमेगा-3 का सेवन पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर और महिलाओं में स्तन कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। 

9. ऑटोइम्यून बीमारी में राहत देता है। Provides Relief In Autoimmune Disease

ऑटोइम्यून रोग तब होता है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली आपकी अपनी कोशिकाओं (Own Cells) और विदेशी कोशिकाओं (Foreign Cells) के बीच अंतर नहीं कर पाती है और गलती से सामान्य कोशिकाओं पर हमला कर देता है। टाइप 1 मधुमेह (Type 1 Diabetes) एक प्रमुख उदाहरण है, जिसमें आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली आपके अग्न्याशय (Pancreas) में इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं पर हमला करती है। 80 से अधिक प्रकार के ऑटोइम्यून रोग हैं जो शरीर के अंगों की एक विस्तृत श्रृंखला को प्रभावित करते हैं। ओमेगा-3 इनमें से कुछ बीमारियों से लड़ सकता है जैसे टाइप 1 मधुमेह Type 1 Diabetes), ल्यूपस (Lupus), रुमेटीइड गठिया (Rheumatoid Arthritis), अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis), क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) और सोरायसिस (Psoriasis) आदि।


10. मेटाबोलिक सिंड्रोम के खतरों को कम कर सकता है। May Reduce The Risk Of Metabolic Syndrome.

मेटाबोलिक सिंड्रोम स्थितियों का एक समूह है। इन स्थितियों में उच्च रक्तचाप (हाई ब्‍लड प्रेशर) में वृद्धि, हाई ब्‍लड शुगर, कमर के आसपास अतिरिक्त चर्बी का बढ़ना और कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड का स्तर असामान्य होना शामिल हैं। इससे हृदय रोग, स्ट्रोक और टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। मेटाबोलिक सिंड्रोम से ग्रसित लोगों के लिए ओमेगा-3 का अनेक लाभ हो सकता हैं। ओमेगा-3 इंसुलिन रेजिस्टेंस (जिसमे खून में ग्लूकोज आसानी से जमा हो जाता है) को कम कर सकता हैं, सूजन (Inflammation) से लड़ सकता हैं और हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता हैं। 

11. हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है। May Improve Bone And Joint Health.

ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया दो सामान्य विकार हैं जिससे कई लोग पीड़ित है। अध्ययनों से संकेत मिलता है कि ओमेगा -3 आपकी हड्डियों में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाकर हड्डियों की ताकत में सुधार कर सकता है, जिससे  ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया के जोखिम कम हो सकता है।

12. मासिक धर्म के दर्द को कम कर सकता है। May Reduce Menstrual Pain.

ओमेगा-3 फैटी एसिड मासिक धर्म के दर्द को कम कर सकता है।अध्ययन बार-बार साबित करते हैं कि जो महिलाएं अधिक मात्रा में ओमेगा-3 का सेवन करती हैं, उन्हें मासिक धर्म में हल्का दर्द होता है। एक अध्ययन में यह भी पाया गया कि मासिक धर्म के दौरान गंभीर दर्द के इलाज में इबुप्रोफेन की तुलना में एक ओमेगा-3 सप्लीमेंट अधिक प्रभावी था। 

13. लिवर की चर्बी कम करता है। Reduces Liver Fat.

ओमेगा-3 फैटी एसिड लिवर की चर्बी कम करता है साथ ही ओमेगा-3 लिवर की सूजन को भी कम करता है। 

14. अस्थमा के संभावना को कम करता है। Lowers Chances Of Asthma.

अस्थमा फेफड़ों की एक क्रोनिक बीमारी है जिसमें खांसी, सांस लेने में तकलीफ और घरघराहट जैसे आवाज़ आता हैं। अस्थमा फेफड़ों के वायुमार्ग में सूजन (Inflammation) और फुलाव (Swelling) के कारण होते हैं। ओमेगा-3 के सेवन बच्चों और युवा वयस्कों में अस्थमा के जोखिम को कम करते हैं। 


ओमेगा-3 के नुकसान। Disadvantages of Omega-3

  • अधिक मात्रा मे सेवन करने से रक्त स्राव का खतरा हो सकता है, क्योंकि ओमेगा-3 रक्त को पतला करने मे मदद करता है।
  • अधिक मात्रा मे ओमेगा-3 का सेवन लो ब्लडप्रेशर की समस्या उत्पन्न कर सकता है, क्योंकि ओमेगा-3 ब्लडप्रेशर को कम करने मे मदद करता है। अगर आप को ब्लडप्रेशर की समस्या है तो आप ओमेगा-3 लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह ले सकते है।
  • अगर आप मछली का तेल (Fish Oil) ओमेगा-3 के सप्लीमेंट के रूप मे लेते है तो आप को एसिडिटी, पेट फूलना, डकार आना और सीने मे जलन आदि की समस्या हो सकता है।
  • ओमेगा-3 के सेवन से ब्लड मे ग्लूकोज की मात्रा बढता है। अधिक उपयोग करने से डायबिटीज या मधुमेह से ग्रसित व्यक्ति को समस्या हो सकता है।

ओमेगा-3 का स्रोत। Source Of Omega-3

ALA मुख्य रूप से पौधों से मिले खाद्य पदार्थ में मिलता है जबकि EPA और DHA मांसाहार में मिलता है। सूक्ष्म शैवाल (Microalgae) और समुद्री शैवाल (Seaweed) भी ओमेगा-3 के महत्वपूर्ण स्रोत है। इनमे DHA और EPA दोनों पाए जाते हैं। यह शाकाहारी लोगों के लिए ओमेगा-3 का महत्वपूर्ण स्रोत है।

  • वसायुक्त मछली से ओमेगा-3 (Omega-3 From Fatty Fish)
    • सैल्मन (Salmon)
    • सारडाइन (Sardine)
    • मैकेरल (Mackerel),
    • कॉड (Cod)
    • हिलसा या हेरिंग (Herring)
    • ट्राउट (Trout) 
    • टूना (Tuna)
  • शैवाल से ओमेगा-3 (Omega-3 From Algae)
    • सूक्ष्म शैवाल (Microalgae)
    • समुद्री शैवाल (Seaweed)
  • पौधों पर आधारित आहार से ओमेगा-3 (Omega-3 From Plants Based Diet)
    • एवोकैडो (Avocados)
    • अलसी के बीज (Flax Seeds)
    • अलसी के तेल (Flaxseed Oil)
    • कनोला के तेल (Canola Oil)
    • चिया के बीज (Chia Seeds)
    • अखरोट (Walnuts)
    • भांग के बीज (Hemp Seeds)
    • सोयाबीन (Soybeans)
    • पालक (Spinach)
    • ब्रोकोली (Broccoli)
    • ब्रसल स्प्राउट (Brussels Sprout)
    • सोयाबीन की फलियां (Edamame)
    • फूलगोभी (Cauliflower)

मछली के तेल में पारा। Mercury In Fish Oil

मछली या मछली का तेल का इस्तेमाल करना कई तरह से फायदेमंद होता है, लेकिन मछली या मछली का तेल पारा (Mercury) से मुक्त होना चाहिए। 

मछली के तेल मे पारा (Mercury) हो सकता है खासकर बड़ी मछली में जैसे - स्वोर्डफ़िश, टाइलफ़िश, शार्क, किंग मैकेरल और टूना आदि। बहुत सारी इन्डस्ट्री और फ़ैक्टरी के निकले अपशिष्ट पदार्थ के कारण नदियों और समुद्र के पानी दूषित हो रहा है। इन अपशिष्ट पदार्थ मे मौजूद पारा (Mercury) इसमे रहने वाली मछली या दूसरे जीवों को इसके संपर्क में आने पर मछली या दूसरे जीव पारे से दूषित हो सकते हैं। 

अगर आप पारा (Mercury) से दूषित मछली या मछली का तेल इस्तेमाल करने से फायदे से ज्यादा नुकसान कर सकता है। जैसे -

  • पारा (Mercury) आपके गुर्दे (Kidney) को नुकसान पहुँचा सकता है।
  • पेट खराब हो सकता हैं।
  • बाल झड़ने की समस्या हो सकता हैं
  • हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को भारी नुकसान हो सकता है।
  • यह त्वचा की कोशिकाओं (Cells) को नुकसान कर सकता है।
  • आप के पाचन तंत्र के नुकसान पहुँचा सकता है।
  • जठरांत्र पथ या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (gastrointestinal tract) को नुकसान कर सकता है।

इसलिए आप ओमेगा-3 के सप्लीमेंट के रूप मे मछली का तेल (Fish Oil) करते है या करना चाहते है तो किसी अच्छे ब्रांड के मछली का तेल (Fish Oil) का ही प्रयोग करें। 

Conclusion

ओमेगा-3 फैटी एसिड एक प्रकार का पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है, इसका उपयोग ह्रदय रोग, अवसाद और चिंता, नेत्र स्वास्थ्य, मस्तिष्क के विकास, हड्डियों और जोड़ों और मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसे कई बीमारियों में उपयोग किया जा सकता है। लेकिन किसी गंभीर बीमारी की स्थिति में इस पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और डॉक्टर से जांच कराकर इलाज कराना चाहिए। 

Disclaimer: 

यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. सेहत फंडा इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.



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